होली होगी ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग
होली होगी ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग
होली ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग

होली ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग

होली ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग [News VMH-Delhi] Lunar Eclipse: सौ साल के बाद होली पर चंद्र ग्रहण का योग है। सर्वार्थ सिद्धि योग में होलिका दहन होगा। 24 मार्च को होलिका दहन और 25 मार्च को होली मनाई जाएगी। होलिका दहन के लिए एक घंटा 20 मिनट का मुहूर्त मिलेगा।

भारत में नहीं दिखेगा

रंगों के त्योहार होली पर न तो चंद्रग्रहण का प्रभाव होगा और न होलिका पर भद्रा का कोई असर। फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन के लिए 1.20 घंटे का शुभ मुहूर्त बन रहा है। इसके साथ ही होलिका दहन पर सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का निर्माण हो रहा है।

Astrologer Sanjeev Chaturvedi
होली होगी ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग
होली ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग

सौ साल बाद पड़ेगा चंद्र ग्रहण

पूरे देश में 25 मार्च को होली मनाई जाएगी। होली पर सौ साल बाद चंद्रग्रहण का योग बन रहा है हालांकि यह ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होने से इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। फाल्गुन पूर्णिमा पर 24 मार्च को होलिका का पूजन होगा।

होली के दिन रहेगी भद्रा

फाल्गुन पूर्णिमा की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 8:13 बजे से होगी और अगले दिन 25 मार्च को सुबह 11:44 बजे तक रहेगी। होलिका दहन के दिन 24 मार्च को भद्रा सुबह 9:55 बजे से शुरू होकर रात 11:13 बजे तक भद्रा की छाया रहेगी। होलिका दहन के समय भद्रा का साया नहीं रहेगा।

होली होगी ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग
होली ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग

इस समय होगा होलिका दहन

होलिका दहन भद्रा के पश्चात रात 11:13 से मध्य रात्रि 12:33 के मध्य होगा। होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7:34 बजे से अगले दिन सुबह 6:19 बजे तक है। रवि योग रवि योग सुबह 6:20 बजे से सुबह 7:34 बजे तक रहेगा।

धन धान्य में होगी वृद्धि

मुहूर्त चिंतामणि की गणना के अनुसार अगर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में विशेष पर्व काल पर आता हो, तो यह नक्षत्र धन-धान्य की वृद्धि करने वाला माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार होलिका दहन के लिए 1.20 घंटे का ही समय रहेगा।

होली होगी ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग
होली ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग

भारत में दृश्य नहीं होगा वर्ष का पहला चंद्रग्रहण

पंचांग के अनुसार साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को लग रहा है। उपच्छाया चंद्रग्रहण सुबह 10:23 बजे से दोपहर 3:02 बजे तक रहेगा। यह चंद्रग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा। इस वजह से इसका प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। इसका सूतक भी भारत में मान्य नहीं रहेगा। आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री के अनुसार होली के दिन चंद्रग्रहण पर सौ साल बाद चंद्रग्रहण का योग बनेगा।

होली पर पड चुका है ग्रहण

ज्योतिषी गणना के अनुसार 1924 में भी होली के दिन चंद्रग्रहण लगा था। हालांकि फर्क बस यह है कि उस समय चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखा था लेकिन इस बार 25 मार्च का चंद्रग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा। उस समय पूर्ण चंद्रग्रहण लगा था लेकिन इस बार उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा सिंह राशि में होंगे जबकि राहु और सूर्य मीन राशि में गोचर करेंगे। ग्रहण मिथुन समेत पांच राशियों के लिए लाभकारी परिणाम देने वाला होगा।

होली होगी ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग
होली ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग

शुभ होती है स्वर्ग और पाताल वासिनी भद्रा

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के न्यासी पं. दीपक मालवीय ने बताया कि एक या दो साल के अंतराल में होलिका पूजन के दिन भद्रा का साया रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भूलोक वासिनी भद्रा अशुभ होती है। अगर होलिका पूजन के समय भूलोक वासिनी भद्रा हो, तो उस समय को त्याग देना चाहिए। लेकिन, स्वर्ग व पाताल वासिनी भद्रा को शुभ माना जाता है।

पातल लोक में होगी भद्रा

फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 24 मार्च के दिन भद्रा पाताल लोक में निवास करेगी। यदि भद्रा कन्या, तुला व धनु राशि के चंद्रमा की साक्षी में आती है, तो वह भद्रा पाताल में वास करती है और पाताल में वास करने वाली भद्रा धन-धान्य और प्रगति देने वाली मानी गई हैं।

होली होगी ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग
होली ग्रहण की आगोश में 100 वर्ष बाद बनेगा योग

होलिका का पूजन प्रदोष काल में

इस दृष्टि से इस भद्रा की उपस्थिति मंगलकारी मानी गई है। इसलिए इस दिन प्रदोष काल में होलिका का पूजन किया जा सकता है। मुहूर्त चिंतामणि की गणना के अनुसार अगर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में विशेष पर्व काल पर आता हो, तो यह नक्षत्र धन-धान्य की वृद्धि करने वाला माना गया है।

होलिका दहन का मुहूर्त – रात 11:13 बजे से मध्य रात्रि 12:33 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग 24 मार्च को सुबह 7:34 बजे से 25 मार्च को सुबह 6:19 बजे तक
रवि योग 24 मार्च को सुबह 06:20 बजे से 25 मार्च को सुबह 07:34 बजे तक
होलिका दहन के लिए मिलेगा एक घंटा 20 मिनट का मुहूर्त

By news vmh

Sanjeev Chaturvediमेरा नाम संजीव चतुर्वेदी है, मैं पिछले 3 वर्षों से डिजिटल मीडिया के लिए काम कर रहा हूं, पिछले 2 वर्षों से मैं News VMH में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में काम कर रहा हूं, यहां मैं एक संपादक के रूप में भी काम करता हूं। मेरी शिक्षा अर्थशास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएट है।sanjeevchaturvedi.holi@gmail.com8077205306

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *