साल्वरों के तार जुड़े देशबंधु कोचिंग से, तलाश जारी
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साल्वरों के तार जुड़े देशबंधु कोचिंग से, तलाश जारी
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साल्वरों के तार जुड़े देशबंधु कोचिंग से, तलाश जारी [News VMH-Etawah] इटावा। खुफिया एजेंसियों की सक्रियता से पुलिस भर्ती परीक्षा में पकड़े गए सॉल्वर गैंग के सदस्य बिहार प्रांत के रहने वाले हैं। यह लोग आगरा, मैनपुरी व जिले में परीक्षा देने आए थे। साथ ही पकड़े गए सॉल्वरों के तार देशबंधु नाम के कोचिंग सेंटर से जुड़े हुए हैं। पुलिस अब सरगना कोचिंग संचालक की तलाश कर रही है।
इनकी जगह ये दे रहे थे परीक्षा
बढ़पुरा थाना क्षेत्र में 18 फरवरी को शकुंतलम इंटरनेशनल स्कूल के बाहर से सॉल्वर गैंग के दो सदस्य और एक अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया गया था। जसवंतनगर क्षेत्र के परसौआ गांव निवासी लोकेश की जगह माधौपुर जिला मधुवनी, बिहार निवासी हरी कुमार गुप्ता परीक्षा देने आया था। गैंग का सदस्य राजदीप निवासी नगला धीर थाना सिरसागंज जिला फिरोजाबाद ने हरी कुमार को बुलाया था।
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इन नामों का किया खुलासा
पूछताछ में राजदीप ने गैंग के मुख्य सरगना ममेरे बहनोई राज नारायण प्रताप यादव उर्फ जूली निवासी चमरौली थाना मक्खनपुर जिला फिरोजाबाद, अश्वनी व मनोज निवासी पटना बिहार का नाम बताया था। तीनों ही देशबंधु नाम से कोचिंग सेंटर दिल्ली, आगरा और बिहार में चलाते हैं। आगरा, मैनपुरी व जनपद में पकड़े गए बिहार के सॉल्वर देशबंधु कोचिंग में तैयार किए गए थे।
राजनारायण व राजदीप के नेटवर्क को तलाश रही पुलिस
आगरा में 11 जनवरी 2020 को जीत सिंह स्टेडियम में फायरमैन की परीक्षा के दौरान साॅल्वर गैंग के चार सदस्य पकड़े गए थे। जांच में सरगना राजनारायण का नाम सामने आया था। रिक्रुट सेल के कैप्टन की तहरीर पर चारों के खिलाफ फर्जीवाड़े व परीक्षा अधिनियम की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आरोपी राजनारायण व राजदीप को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। खुफिया एजेंसियों ने पुराने मामले देखकर राजदीप को रडार पर लिए थी। इटावा एसओजी ने सक्रियता दिखाते हुए राजदीप को गिरफ्तार कर लिया।
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स्नातक पास है गैंग का सरगना
गैंग के सरगना राजनारायण भोपाल स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से बीटेक कर रहा था। दो साल पढ़ने के बाद 2011-12 में उसने रेग्युलर पढ़ाई छोड़ दी और फिर ओपन विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री हासिल की। एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया आरोपी फोटो को जोड़कर कर तीसरी फोटो तैयार करते हैं। इस फोटो को प्रवेश पत्र पर लगाते हैं।
गिरोह पेशेवर तरीके से काम करता है
आरोपियों के पास से मिली एक हाईस्कूल की मार्कशीट भी मिली थी। यह लोग फर्जी दस्तावेज भी तैयार करते हैं। गिरोह पेशेवर तरीके से काम करता है और अभ्यर्थियों के साथ ठगी नहीं करता। एसएसपी के मुताबिक यह लोग कई अभ्यर्थियों को सरकारी सेवा में नियुक्ति भी दिला चुके हैं। फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वालों की भी जांच की जाएगी। एसएसपी ने बताया जल्द ही मुख्य सरगना सहित जितने नाम सामने आए हैं उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
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