रिश्वत कांड लेखपाल भीमसेन की नहीं हो रही मुश्किलें कम
रिश्वत कांड लेखपाल भीमसेन की नहीं हो रही मुश्किलें कम
आगरा रिश्वतखोर लेखपाल की नहीं हो रही मुश्किलें कम [News VMH-Agra] आगरा का बहुचर्चित लेखपाल रिश्वत कांड 15 ही दिन में ठन्डे बास्ते में चला गया था, कहीं से कोई भी सुगबुगाहट नहीं आ रही थी, अभी सब कुछ जैसा चाहा गया था वैसा ही हो रहा था, हर जगह सेटिंग सही थी, लेकिन तभी सारे सपने चकनाचूर हो गए. वादी ACP लोहामंडी के दफ्तर में पेस हो गया, उसने बताया कि वह अपने बयान पर काबिज है।
कार से 10 लाख रुपये बरामद किए
मामला रिश्वत लेने के दोषी लेखपाल भीमसेन से जुड़ा हुआ है, भीमसेन लेखपाल के खिलाफ आगरा के बमरौली कटारा निवासी उमेश राणा ने 20 दिसंबर की रात को रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था। उमेश राणा ने पुलिस को बताया कि भीमसेन ने उससे खतौनी में नाम संशोधन करने के एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। उमेश राणा ने रिश्वत की रकम देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद भीमसेन ने खतौनी में नाम संशोधन नहीं किया था। नाम संशोधन का कार्य जब नहीं हुआ तो उमेश ने हार मान कर भीमसेन को ये रिश्वत की रकम दी, उसके बाद उमेश राणा ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की थी। पुलिस ने आरोपी लेखपाल की कार से 10 लाख रुपये बरामद किए थे।
उमेश राणा अपने बयान से मुकर गया
बीच में मीडिया में ये बात निकल कर आ रही थी कि उमेश राणा अपने बयान से मुकर गया है, इसको आधार बना कर पूर्व की ही भांति इस जाँच को भी दबाने का कार्य किया जा रहा था, सभी राहत की साँस ले रहे थे, तभी एक बार फिर इस रिश्वत कांड में नया मोड़ आ गया, उमेश राणा ACP लोहामंडी के दफ्तर में प्रस्तुत हुआ उसने कहा कि वह अपने बयान पर अडिग है, साथ ही उसने एक प्रार्थना पत्र दिया जिसमे उसने FIR का समर्थन किया है।
दबाव में था उमेश राणा
जब उससे यह पूंछा गया कि वह इतने दिनों से खामोश किसलिए था ? तो उसने बताया कि वह दबाव में था. यानि यह जान लेना भी आवश्यक है कि वो कौन लोग हैं जो उमेश राणा पर दबाव बना रहे हैं।
FIR सही है बोला वादी
पहले भी वादी अपने बयान से मुकर चुका है, सबसे पहले उसने 112 पर कॉल कर रिश्वत देने की जानकारी दी थी, रिश्वत की रकम मोदी प्रॉपर्टी डीलर ताजगंज में दी गई थी, बाद में तहसील सदर में हंगामा हुआ था, लेखपाल भीमसेन अपनी गाड़ी छोड़कर भाग गया था, हंगामा देख शाहगंज पुलिस लेखपाल की कार को खींच कर शाहगंज थाना ले आई थी, दूसरे दिन सुबह फोरेंसिक टीम के समक्ष गाड़ी खोली गई जिसमें 500 के नॉट की 20 गड्डियां मिली थीं, भीमसेन के विरुद्ध FIR हुई लेकिन शाम को ही वादी का एक वीडियो आया जिसमें उसने कहा था कि लोगों के उकसाने में आकर उसने ये सब किया है ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
जाँच के नाम पर केवल नोटिस
बस फिर क्या था सारी जाँच इस वीडियो के आधार पर मरोड़ दी गई, रिश्वत लेने की जाँच में नोटिस नोटिस खेला जाने लगा। आय से अधिक संपत्ति की जाँच कहाँ तक पहुँची इसका भी कोई प्रेस नोट रिलीज़ नहीं किया गया है. अब वादी ने दुबारा दम दिखाई है, उमेश राणा जब ACP ऑफिस पहुंचे तब ACP ऑफिस में नहीं थे, उन्होंने कहा है अब उमेश के बयान वीडियो बना कर दर्ज किए जाएंगे।