ये हैं सर्वकालिक सुपरस्टार भारतीय क्रिकेटर, जानिए इनके बारे में
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ये हैं सर्वकालिक सुपरस्टार भारतीय क्रिकेटर, जानिए इनके बारे में
ये हैं सर्वकालिक सुपरस्टार भारतीय क्रिकेटर, जानिए इनके बारे में [News VMH-New Delhi, Kamal Kant Chaturvedi] भारतीय क्रिकेट में सबसे पहले सुपर स्टार खिलाड़ी का श्रेय जिस खिलाड़ी को प्राप्त है आज उसी खिलाड़ी के बारे में कुछ जानकारियां आपके साथ साझा कर रहा हूं, चूंकि में व्यक्तिगत रूप से उनका फैन रहा हूं तो मेरे विचार निश्चित रूप से उनके बारे कहीं न कहीं उनका फेवर करते हुए दिखाई दे सकते है.
लेकिन अगर रिकॉर्ड्स और उनकी बल्लेबाजी के स्टाइल पर ये एकदम सटीक लगेंगे जिन्होंने उनको खेलते हुए देखा है!! “सुनील गावस्कर” क्रिकेटिंग दुनिया के वो दुर्लभ खिलाड़ी हैं जिनके रिकॉर्ड्स और स्टाइल को उनके समय के खिलाड़ी या उनके बाद के खिलाड़ी भी शायद ही क्रॉस कर पाए है।
टेस्ट मैच की चार परियों में लगाए दुहरे शतक
आने वाला वक्त कितना भी बेहतर हो जाये, खिलाड़ी कितने भी टैलेंटेड क्यों न हो जाएं, सुनील गावस्कर की असाधारण परियां आज भी उदाहरण है और शायद आगे भी रहेगी। पिछले पचास सालों में ऐसा कोई बल्लेबाज नही हुआ जिसने टेस्ट की चारो इनिंग में दोहरा शतक लगाया हो, उन्होंने अपनी प्रथम सीरीज में सबसे ज्यादा रन का जो कीर्तिमान बनाया वही आज तक कोई अचीव नहीं कर पाया।
174 गेंदों में बनाये थे 36 रन
पहले विश्वकप में 174 गेंद खेलकर उनकी 36 रन की पारी को उनके आलोचकों ने ऐसे हाथो हाथ लिया जैसे वो कोई नौसिखिया खिलाड़ी हो, जबकि गावस्कर कहते भी हैं कि मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं तेज रन कैसे बनाऊं? लेकिन उसके बाद की कहानी कोई नही बताता, 1983 के विश्वकप में वो अगली पारी में मैच जिताकर नाबाद आये थे।
कुछ बेहतरीन पारियां
अगले विश्वकप 1987 में उन्होंने 85 गेंदों में सेंचुरी ठोंकी थी, गावस्कर तो कह रहे थे कि अगर मुझे क्लाइव लॉयड की 82 गेंदों में सेंचुरी का रेकॉर्ड पता होता तो मैं इस रिकॉर्ड को तोड़ भी देता, क्योंकि गावस्कर 80 गेंद में 99 रन बना चुके थे। और गावस्कर का अगला एकदिवसीय मैच उनके करियर का आखिरी मैच था।
लोग अच्छाइया जल्दी भुला देते हैं
लोगों की आदत है बुराई को पकड़कर लटक जाना कोई कितना भी बढ़िया खेल रहा हो कर रहा हो, कोई भी विश्वास के साथ यह कह सकता कि गावस्कर के रिकॉर्ड को आजके दौर का कोई मौजूदा खिलाड़ी तोड़ देगा??? जो उन्होंने आज नही 50 साल पहले बनाये थे, जबकि क्रिकेट के बारे में कहा जाता है यहाँ कुछ भी हो सकता है, सब कुछ अनिश्चित है।