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अपने बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहिए- एसएसपी

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अपने बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहिए- एसएसपी

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन फोटो

भरथना, इटावा। समाज में फैली अराजकता को विलुप्त करने के लिए हमें सर्वप्रथम अपने बच्चों को संस्कारवान बनाना है। क्योंकि जब हमारी आने वाली पीढी संस्कारित हो जायेगी, तो सब कुछ स्वतः ही सकारात्मक होगा और विभिन्न प्रकार की अराजकतायें शून्य हो जायेगीं। झगडा विनाश की जड है। महिलाओं का सदैव सम्मान करें, ताकि आपके घर की खुशियाँ सदैव महकती रहें।

Astrologer Sanjeev Chaturvedi

उक्त बात बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने सद्भावना साहित्य परिषद भरथना के तत्वाधान् में जय वाटिका में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के दौरान उपस्थितजनों से कही। उन्होंने कहा कि अपने हक की खातिर दूसरों के हक को मत छीनिये। हम अपनी कार्यशैली से स्वयं को गौरवान्वित तो महसूस करें, लेकिन घमण्ड बिल्कुल नहीं।

इससे पहले उन्होंने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया तथा अध्यक्ष रामनरेश पोरवाल व सचिव अनिल कुमार श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि श्री वर्मा सहित विशिष्ट अतिथि श्रीकान्त पाठक का माल्यार्पण, अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह्र भेंटकर स्वागत सम्मान किया। कवि सतेन्द्र निर्झर ने हे वीणा पाणि माँ, हे जग कल्याणी माँ पढकर ज्ञान की देवी का आवाहन किया। वहीं नीरज पाण्डेय ने राम की तरह चख लीजिये आप भी, कविता में सबरी के मीठे बेर लेकर आया हूँ पढकर खूब तालिया बटोरीं तथा रामबाबू सिकरवार ने आतंकियों को घर में घुस के मारकर, बता दिया कि ये हिन्दुस्तान है पढकर देश के नौजवानों को सलाम व सभी भ्रष्टों को भेजो तिहाड दिलवाकर सजा लोकपाल से पढकर भ्रष्टाचार पर गहरा कटाक्ष किया। डा. मंजू मृदुल ने मैं यूं ही हादसों से गुजरती रही, क्या है सुख चौन पता न चला पढकर वाहवाही लूटी।

साथ ही डा. एसके शाक्य, डा. अंजना कुमार, संजीव कुलश्रेष्ठ, महेश मंगल ने भी अपनी-अपनी रचनाओं के माध्यम से साहित्यप्रेमियों के दिल में जगह बनायी। इस दौरान राजेश गुप्ता, रामपाल सिंह राठौर, रामशंकर वर्मा, रघुराज सिंह कुशवाह, शिवकुमार सक्सेना, अरविन्द पोरवाल, दरविन्दर सिंह सेठी, सुभाष श्रीवास्तव, सत्यभान गुप्ता राजा, राजू तोमर, हाकिम सिंह यादव, ब्रहमप्रकाश श्रीवास्तव, महेन्द्र सिंह चौहान, अमित श्रीवास्तव, असित पाल, देवेन्द्र यादव, करूणाशंकर दुबे, शिवपाल सिंह चौहान, रामकुमार यादव, मंगल सिंह भदौरिया, सुधीर यादव, अंकुर पुरवार, रामप्रकाश पाल, रूद्रपाल भदौरिया सहित सैकडों महिला-पुरूष साहित्यप्रेमियों की उपस्थिति रहे।

भरथना से तनुज व आसिफ

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