स्वामी प्रसाद ने की नई पार्टी की घोषणा, अखिलेश को सुनाई खरी खरी
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स्वामी प्रसाद ने की नई पार्टी की घोषणा, अखिलेश को सुनाई खरी खरी
स्वामी प्रसाद ने की नई पार्टी की घोषणा, अखिलेश को सुनाई खरी खरी [News VMH-Uttar Pradesh] उत्तर प्रदेश लखनऊ: सपा के कद्दावर नेता रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई पार्टी के गठन का एलान कर दिया है। स्वामी प्रसाद 22 फ़रवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में रैली को संबोधित करने जा रहे हैं। स्वामी प्रसाद ने अपनी पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी रखा है। समय प्रसाद हमेशा ही हिन्दू देवी दवाओं के लिए अमर्यादित टिपण्णी करने के कारण चर्चा में रहते हैं अभी तक स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद पर थे कुछ दिन पहले ही उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया है।
पार्टी का झंडा लॉन्च कर दिया
भारत में अभी लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव होने हैं ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से पूरी तरह नाता तोड़ लिया, अब वो अलग पार्टी का गठन करने का ऐलान कर चुके हैं। उनके द्वारा गठित पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी है इस पार्टी का निर्माण अलीगढ़ के रहने वाले साहेब सिंह धनगर ने 2013 में यह बनाई थी। सोमवार को सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने पार्टी का झंडा लॉन्च कर दिया है। झण्डा नीले, लाल और हरे रंग को मिलाकर बनाया गया है।
पार्टी के फाउंडर हैं साहेब सिंह धनगर
साहेब सिंह धनगर 1993 में बीएसपी से विधानसभा चुनाव लडे थे। इसके बाद 2002 में सपा से लड़े थे। बीच में बीएसपी से लोकसभा भी लड़े थे। 2013 में इन्होंने आरएसएसपी बनाई। 2014, 2017, 2019 का चुनाव इनकी पार्टी लड़ी थी। 2020 में इन्होंने इंडियन डेमोक्रेटिक एलायंस IDA बनाया जिसमें कई छोटे मोटे दल साथ आए। इस एलाएंस ने 2022 का चुनाव लडा था। साहेब सिंह धनगर इस पार्टी के फाउंडर हैं।
सपा को लेकर कही थी ये बात
बता दें कि बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य से इस्तीफा दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसकी जानकारी अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर दी थी। उन्होंने त्यागपत्र को पोस्ट करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी को टैग करते हुए लिखा कि मैं नहीं समझ पाया कि मैं एक राष्ट्रीय महासचिव हूं, जिसका कोई भी बयान निजी बयान हो जाता है और पार्टी के कुछ राष्ट्रीय महासचिव व नेता ऐसे भी हैं, जिनका हर बयान पार्टी का हो जाता है, एक ही स्तर के पदाधिकारियों में कुछ का निजी और कुछ का पार्टी का बयान कैसे हो जाता है, यह समझ के परे है।