लोकसभा चुनाव में सपा का बड़ा उलटफेर, ढहा दिए भाजपा के कई किले, 37 सीट जीतीं
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लोकसभा चुनाव में सपा का बड़ा उलटफेर, ढहा दिए भाजपा के कई किले, 37 सीट जीतीं
लोकसभा चुनाव में सपा का बड़ा उलटफेर ढहा दिए भाजपा के कई किले, 37 सीट जीतीं [News VMH-New Delhi, Sanjeev Chaturvedi] लोकसभा चुनाव 2024 की मतगड़ना हो चुकी है, जैसा की बीजेपी की और से बोलै जा रहा था की अबकी बार 400 पार उसकी हकीकत सामने नजर आ रही है, तमाम एग्जिट पोल चिल्ला चिल्ला कर यह बोल रहे थे कि, भाजपा ने एक बार फिर मोदी नाम का जादू चलादिया है, एग्जिट पोल के नतीजों के कारन तमाम इंडिया गठबंधन की पार्टियां आंदोलन के मूड में थीं, नतीजे एग्जिट पोल के विपरीत होने से EVM अपनी साख बचने में कामयाब रही, वहीं एक मजबूत विपक्ष भी सामने आएगा।
भाजपा को तगड़ा झटका
भाजपा की उम्मीदों को सबसे बड़ा झटका समजवादी पार्टी ने दिया है उसने भाजपा के कई किले ध्वस्त कर भाजपा को बैकफुट पर धकेल दिया, भाजपा की नींद खुल चुकी है, उत्तर प्रदेश में 70 सीटों का सपना देख रही भाजपा को 32 सीटें ही मिल सकीं जिसमे से भी कुछ सीटों पर तो भाजपा महज 10000 वोटों के भीतर भीतर जीत सकी, मुकबला इतना कड़ा था कि प्रत्याशियों को वोटों की गिनती के समय अवसाद में देखा गया।
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सपा ने कहाँ से जीत हासिल की
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की जिन लोकसभा सीटों पर अपना दबदबा दिखाया है वो इस प्रकार है –
कैराना से इकरा चौधरी, मुजफ्फरनगर से हरेंद्र सिंह मलिक, मुरादाबाद से रुचि वीरा, रामपुर से मोहिबुल्लाह, संभल से जिया उर रहमान, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, मैनपुरी से डिंपल यादव, एटा से देवेश शाक्य, बदायूं से आदित्य यादव, आंवला से नीरज मौर्य, खेरी से उत्कर्ष वर्मा ‘मधुर’, धौरहरा से आनंद भदौरिया, मोहनलालगंज से आर.के. चौधरी, सुल्तानपुर से रामभुआल निषाद, प्रतापगढ़ से शिव पाल सिंह पटेल (डॉ. एस पी सिंह) .
वहीं इटावा से जितेन्द्र कुमार दोहरे, कन्नौज से अखिलेश यादव, जालौन से नारायण दास अहिरवार, हमीरपुर से अजेन्द्र सिंह लोधी, बांदा से कृष्णा देवी शिवशंकर पटेल, फतेहपुर से नरेश चन्द्र उत्तम पटेल, कौशाम्बी से पुष्पेन्द्र सरोज, फैजाबाद से अवधेश प्रसाद, अम्बेडकर नगर से लालजी वर्मा, श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा, बस्ती से राम प्रसाद चौधरी, संत कबीर नगर से लक्ष्मीकांत पप्पू निषाद।
इसके अलावा लालगंज से दरोगा प्रसाद सरोज, आजमगढ़ से धर्मेन्द्र यादव, घोसी से राजीव राय, सलेमपुर से रामाशंकर राजभर, बलिया से सनातन पांडेय, जौनपुर से बाबू सिंह कुशवाहा, मछलीशहर से प्रिया सरोज, गाजीपुर से अफजल अंसारी, चंदौली से बीरेंद्र सिंह, राबर्ट्सगंज से छोटेलाल।
अस्पष्ट जनादेश और सरकार
केंद्र में अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो समाजवादी पार्टी की अहम् भूमिका रहेगी। हालाँकि किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने से, अस्थिर सरकार मिलेगी, रूठने मानाने के क्रम में कई बार फ्लोर टेस्ट की भी नौबत आ सकती है, अगर समीकरण और बिगड़े तो हो सकता है मध्यावधी चुनाव की भी नौबत आ जाये, अब सरकार चाहे जो भी बना ले उसका सारा ध्यान देश चलाने पर नहीं सरकार और कुर्सी बचाने पर रहेगा। ऐसे हालात में देश के विकास का पहिया कर्ण के रथ की तरह कहाँ फंस जाए पता नहीं।