भारत के शिया मुस्लमान क्यों हुए खुश, जानिए वो वजह
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भारत के शिया मुस्लमान क्यों हुए खुश, जानिए वो वजह
भारत के शिया मुस्लमान क्यों हुए खुश, जानिए वो वजह [News VMH-Lucknow] इजरायल और ईरान में जंग के हालात बन गए हैं। ईरान की तरफ से इजरायल पर मिसाइल हमले के बीच यहां लखनऊ शहर में रहने वाले शिया समुदाय के मुसलमानों में खुशी की लहर दौड़ गई है। रमजान में जुमे की आखिरी नमाज के बाद इजरायल के खिलाफ विरोध रैली निकालने वाले शियाओं ने अरब के बाकी मुस्लिम देशों को तमाशबीन बताया है।
अरब मुल्क रहे मौन
लखनऊ के नक्खास इलाके में शिया समुदाय के कई सारे व्यापारियों ने बताया कि इजरायल पर ईरान की तरफ से हमला किए जाने से समुदाय के अंदर गर्व की भावना का संचार हुआ है। ऐसा इससिए क्योंकि फीलिस्तीन में इजरायल की तरफ से क्रूरता के खिलाफ केवल ईरान ही ऐसा मुल्क है, जो खड़ा हुआ है। बाकी के 56 अरब मुल्क केवल चुपचाप तमाशा देख रहे हैं।
इजराइल ने किया था ईरानी दूतावास पर हमला
गौरतलब है कि सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इजरायल की तरफ से हमले में 7 रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की मौत हो गई थी। ईरान के इस हमले का बदला लेने के लिए इजरायल पर मिसाइल हमला किया था। हालांकि मुस्लिम इसे गाजा में इजरायल की तरफ से मिलिट्री ऐक्शन के जवाब के तौर पर देख रहे हैं।
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इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था
इसी महीने रमजान के आखिरी शुक्रवार को मौलाना कल्बे जव्वाद की अगुवाई में शिया मुसलमानों ने इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने फीलस्तीन के समर्थन में आवाज उठाते हुए इजरायली बर्बरता के खिलाफ एकजुटता की अपील की थी। कई धार्मिक नेताओं की तरफ से भारत सरकार से मानवता के साथ खड़ा रहने की अपील की गई थी।
इजराइल के साथ भारत की नजदीकी नागवार
शिया धर्मगुरू मौलाना सैफ अब्बास ने मीडिया को बताया कि अगर सरकार चुनाव पर प्रभाव के मद्देनजर किसी का भी पक्ष लेते हुए कोई बयान नहीं देती है तो यह भी ठीक है। उन्होंने कहा कि केवल शिया और सुन्नी ही नहीं, बल्कि ज्यादातर भारतीयों ने इजरायल के साथ भारत की बढ़ती नजदीकी की आलोचना की थी, जब पीएम मोदी ने पहली बार इजरायल का दौरा किया था।
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ईरान से खास रिश्ता
लखनऊ के कई सारे शिया मुस्लिम अभी ईरान में ही हैं। हमारा उस मुल्क से खास रिश्ता है। फीलस्तीन में सुन्नी आबादी होने के बावजूद यह हमारे लिए फख्र की बात है कि ईरान ने मानवता की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है। भारत सरकार की भी कूटनीतिक जरूरत के हिसाब से अपनी बाध्यता होगी लेकिन मानवता के लिए ईरान का समर्थन करना चाहिए।
भाजपा से नहीं कोई परेशानी
वहीं स्थानीय राजनीति को लेकर शियाओं ने खुलकर किसी का भी समर्थन नहीं किया। हालांकि यह बात स्वीकार की कि अब मुहर्रम के दौरान धार्मिक यात्रा निकालने में उन्हें कोई समस्या नहीं होती है। उन्होंने लखनऊ से बीजेपी सांसद राजनाथ सिंह की लोकप्रियता के साथ ही मौलाना कल्बे जव्वाद का बीजेपी के साथ संबंध और इसका समुदाय पर प्रभाव की बात को स्वीकार किया।