थानाप्रभारी सहित तीन पर डकैती का मामला दर्ज: रक्षक ही निकला भक्षक
थानाप्रभारी सहित तीन पर डकैती का मामला दर्ज: रक्षक ही निकला भक्षक
थानाप्रभारी सहित तीन पर डकैती का मामला दर्ज: रक्षक ही निकला भक्षक [News VMH-Agra Krishn Kant Dubey] आगरा में भूमाफिया और पुलिस की मिलीभगत का मामला सामने आया है।
पुलिस ने करोड़ों की जमीन कब्जाने के लिए दो परिवारों को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया था।
इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार सहित चार पुलिसकर्मियों पर डकैती का केस दर्ज किया गया है।
आगरा जगदीशपुरा का है पूरा मामला
यह मामला आगरा के जगदीशपुरा थाना क्षेत्र के बोदला-लोहामंडी मार्ग पर बीएस कांप्लेक्स के पास की एक चार बीघा जमीन से जुड़ा है।
इस जमीन पर रवि कुशवाहा और शंकरिया कुशवाहा नाम के दो परिवार रहते थे। 26 अगस्त 2023 को पुलिस ने इन दोनों परिवारों को गांजा बेचने के फर्जी मुकदमे में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मामले में डीजीपी से की शिकायत
इस मामले में उमा देवी नाम की एक महिला ने डीजीपी से शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि उनकी सास सरदार टहल सिंह के नाम से यह जमीन है।
सरदार टहल सिंह की मौत के बाद यह जमीन उनकी बेटी उमा देवी के पास है। जमीन की देखरेख का जिम्मा टहल सिंह ने रवि कुशवाहा और शंकरिया कुशवाहा को दिया था।
फर्जी मुकदमा दर्ज कर दो परिवारों को जेल भेज दिया था
डीजीपी की शिकायत के बाद कमिश्नर आगरा ने मामले की जांच कराई। जांच में पता चला कि पुलिस ने फर्जी मुकदमा दर्ज कर दो परिवारों को जेल भेज दिया था।
इसके बाद कमिश्नर आगरा ने तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सहित चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
आज, आगरा के पुलिस कमिश्नर ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि इस मामले में धारा 147,148,149,447,448, 120–बी, 467,395, 506 के तहत केस दर्ज किया गया है।
इनके खिलाफ किया गया केस
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इस मामले में कमल चौधरी, धीरू चौधरी, जितेंद्र कुमार, जितेंद्र पाल नाम के पुलिसकर्मियों पर नामजद केस दर्ज किया गया है। इनके अलावा 15 अज्ञात के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
डॉ. प्रीतिंदर सिंह (पुलिस कमिश्नर) ने कहा कि इस मामले में पुलिस और आबकारी विभाग की संलिप्तता की शिकायत हुई थी। आरोपी आबकारी विभाग की टीम पर कार्रवाई को डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है।
क्या बोले पुलिस कमिश्नर
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि यह करोड़ों की जमीन कब्जाने के मामले को लेकर की गई कार्रवाई थी। जमीन से कब्जा हटाने को फर्जी मुकदमे में फसाया गया था। जिनको फसाया गया उनको जमीन वापिस दिलाई गई है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि फर्जी मुकदमे कांड में जो भी लोग शामिल हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी।
चार पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं। डीसीपी सिटी के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया है। फर्जी मुकदमा लिखने को गांजा कहाँ से आया कितने लोग शामिल हैं जांच हो रही है। एप्लीकेशन लेने से लेकर आईओ तक के पुलिसकर्मियों की जांच शुरू है।
आगरा में पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह
यह मामला आगरा में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है। पुलिस ने किस आधार पर दो परिवारों को फर्जी मुकदमे में फंसाया? इस मामले में आबकारी विभाग की भूमिका क्या है? इन सवालों के जवाब पुलिस को देना होगा।
यह मामला आगरा में भूमाफियाओं की बढ़ती ताकत का भी संकेत है। भूमाफियाओं के साथ पुलिस की मिलीभगत से आम लोगों को परेशानी हो रही है। पुलिस को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कानून बनाना चाहिए।