जूता मरने वाले बीडीओ की पत्नी ने जिलाधिकारी पर लगाए आरोप
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जूता मरने वाले बीडीओ की पत्नी ने जिलाधिकारी पर लगाए आरोप
जूता मरने वाले बीडीओ की पत्नी ने जिलाधिकारी पर लगाए आरोप [News VMH-Agra] आगरा में दो दिन पहले जिलाधिकारी और बीडीओ के बीच विवाद का मामला सामने आया था यह मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा, आगरा के जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी और बीडीओ अनिरुद्ध सिंह चौहान के बीच का यह विवाद का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। एक ओर जहाँ आगरा पुलिस बीडीओ की गिरफ्तारी के प्रयाश में जुटी हुई है, तो वहीं बीडीओ की पत्नी ने जिलाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में हुआ था विवाद
बताते चलें कि आगरा के जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी और बीडीओ अनिरुद्ध सिंह चौहान के बीच विकास कार्यों की बैठक के दौरान विवाद हुआ। विवाद की वजह की जानकारी करने से मामला अत्यधिक अजीब पाया गया, बताया जा रहा जिलाधिकारी ने कैम्प कार्यालय में बीडीओ को पेपरवेट फेंककर मारा था जिससे ताव में आये बीडीओ ने जबाब में जूता मार दिया। इस मामले में बीडीओ के विरुद्ध एफआईआर दर्ज हो चुकी है। बीडीओ फरार हैं, वहीं बीडीओ की पत्नी ने सीएम योगी को पत्र लिखकर मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
सीएम योगी को लिखा पत्र
बीडीओ अनिरुद्ध सिंह चौहान की पत्नी दीपिका सिंह ने, मुख्यमंत्री योगी को भेजी शिकायत में कहा है कि डीएम के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज के लिए पुलिस आयुक्त आगरा को चिट्ठी भेजी है। उनका आरोप है मामला उसी जिले का है जिस जिले के जिलाधिकारी और उनके पति का विवाद है इसके चलते जिले की पुलिस से न्याय की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। जब तक कि जिलाधिकारी का आगरा के बाहर स्थानांतरण नहीं कर दिया जाए। निष्पक्ष जांच और मामले में सत्यता उजागर होना संभव नहीं है।
दहशत में पूरा परिवार
दीपिका सिंह ने लिखा है कि पूरा परिवार दहशत में है। डीएम की कार्यशैली अत्यन्त आपत्तिजनक एवं दुर्भावनापूर्ण है। वह अपने पद का दुरुपयोग किसी भी हद तक कर सकते हैं। बीडीओ की पत्नी ने यह भी आरोप लगाया है कि डीएम उनके पति से धन की मांग करते हैं अगर देखा जाए तो बीडीओ की पत्नी पूरे तौर पर जिलाधिकारी भानु चन्द गोस्वामी के ऊपर हमलावर दिखाई दीं।
12 को कलेक्ट्रेट में विरोध दर्ज कराएंगे
जिलाधिकारी के खिलाफ प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम विकास, पंचायत राज आदि संगठनों ने आंदोलन के लिए आवाज उठाई है। वह 12 फरवरी को कलेक्ट्रेट में विरोध दर्ज कराएंगे।
निष्पक्ष हो जाँच
अगर बात विवाद की शुरुआत की करें, तो सबसे पहली बात किसी भी अधिकारी को मार पीट करने की भारतीय संविधान अनुमति नहीं देता, चाहे वो जिलाधिकारी हों अथवा बीडीओ, अगर इस मामले में बीडीओ आरोपी हैं तो बीडीओ के द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जाँच होनी आवश्यक है, अगर एक पक्ष की केवल इसलिए सुनी जा रही है कि वो जिलाधिकारी हैं तो ये सर्वथा गलत है, भारतीय न्याय संहिता के तहत बीडीओ को भी अपनी बात कहने का अधिकार है, और इस प्रकरण में निष्पक्ष जाँच होना भी आवश्यक है, अगर पेपर वेट मरने की बात सही है तो क्या जिलाधिकारी का यह कार्य उचित था? अगर नहीं तो दोषी केवल बीडीओ ही क्यों है?