क़तर 18 महीने की यातनाएं जेल में कैसे काटा समय
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क़तर 18 महीने की यातनाएं जेल में कैसे काटा समय
क़तर 18 महीने की यातनाएं जेल में कैसे काटा समय [News VMH-Agra] क़तर में गिरफ्तार होने से लेकर बाहर आने तक का सफर कैसा रहा बताते हुए पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता ने अपना दर्द साझा किया उन्होंने जो बताया वो हैरतअंगेज करने वाला था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए पुरे प्रकरण को बताया। वो एक शादी समारोह में आगरा पहुंचे हैं।
एक साल रखा मौन व्रत
आगरा के रहने वाले पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता जिनको कतर के एक न्यायालय ने मौत की सजा सुनाई थी वो अपने पैतृक नगर आगरा पहुंचे। उन्होंने कतर के जेल में रहने के दौरान की अपनी स्थिति को शेयर किया। पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता ने जेल के दिनों को याद करते हुए बताया कि एक साल तक मैंने मौन व्रत रखा था। वहां कोई भी मुझसे बात तक नहीं करता था।
छोटे से कमरे में गुजारे 18 महीने
उनको क़तर की जेल में एक छोटे से कमरे में जिंदगी बितानी पड़ रही थी उन्हें ऐसा लगने लगा था मनो जिंदगी वीरान हो गई थी। वहां पर कोई हाल तक पूछने वाला नहीं था।
कतर पुलिस ने जेल में डाला
पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता ने बताया कि अगस्त 2022 में बिना कुछ बताए कतर पुलिस ने उन्हें जेल में डाल दिया था। एक महीने तक पूछताछ चलती रही। मानसिक रूप से परेशान किया गया, लेकिन वो परेशान नहीं हुए और घबराते भी नहीं थे। उन्होंने बताया कि वो जानते थे कि कुछ गलत नहीं किया तो परेशान और क्यों डरें?
कतर की जेल में 7 दिन सदमें में रहे संजीव गुप्ता
जेल के कमरे में मनोरंजन के लिए एक टीवी लगी थी, जिसमें सिर्फ अरबी भाषा के ही चैनल चलते थे। उन्होंने बताया कि उन्हें वहीं से पता चला कि कतर की एक अदालत ने मेरे जैसे और पूर्व सैनिकों को सजा-ए-मौत का दंड दिया। उसे सुनकर 7 दिन तक मैं सदमें की हालत में रहा। कुछ भी समझ नहीं आया कि आखिर ऐसा मैंने क्या कर दिया ? संजीव गुप्ता ने बताया कि उन्हें फौज में ट्रेनिंग मिली थी कि कैसे खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाया जाता है ये ट्रैनिंग उनके बहुत काम आई।
उनकी पत्नी ने उनके प्राण बचाये
पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता ने बताते हुए कहा कि उनकी पत्नी सावित्री की तरह उनके प्राण यमराज से छीनी लाई। संजीव गुप्ता ने बताया कि मैंने क़तर की जेल में कभी भी अपना आत्म विश्वास कम नहीं होने दिया। उन्होंने साथ ही कहा कि कतर की जेल से रिहा कराने में मोदी सरकार और भारत के राजदूत विपुल का पूरा सहयोग रहा। उन्होंने मैं सत्यवान था या नहीं मुझे नहीं पता, लेकिन मेरी पत्नी रेखा ने सावित्री की तरह मेरे प्राण यमराज से छीने हैं।
कतर से घर आते ही सबसे पहले पिता ने पेठा खिलाया
पूर्व कमांडर संजीव बताते हैं कि घर आते ही सबसे पहले पिता आरपी गुप्ता ने आगरा का पेठा खिलाया। उसी के साथ मेरा स्वागत किया। इतने वक्त के बाद पहली बार में आगरा किसी विवाह समारोह में शामिल होने आया हूं।
पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता ने बताया कि तिरुपति बालाजी के करेंगे दर्शन
पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता की पत्नी रेखा गुप्ता ने बताया कि तिरुपति बालाजी को वह बेहद मानती हैं और बचपन से वहां जाती रहीं है। कतर में पति को मृत्युदंड की सजा सुनाने के बाद मन्नत मांगी थी कि पति की रिहाई के बाद वह आंध्र प्रदेश तिरुपति बालाजी दर्शन को जाएंगे। आगरा से विवाह समारोह के बाद हम दोनों तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए रवाना होंगे।
कतर की नेवी को ट्रेनिंग देने गए थे पूर्व कमांडर संजीव
संजीव ने बताया कि वह नौसेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत होने के बाद नोएडा में थे। वहीं उनके पास 2018 में कतर की नेवी अफसरों को ट्रेनिंग देने का ऑफर आया था। अल दहरा कंपनी की तरफ से हम वहां पर उनको ट्रेनिंग देते थे। कतर में पत्नी और छोटी बेटी मेरे साथ थी। जुलाई 2022 में मैं पत्नी और बेटी को नोएडा छोड़कर गया। अगस्त में मुझे जेल में डाल दिया गया।