इजराइल का दावा, पूरे गाजा पर इजराइल का नियंत्रण
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इजराइल का दावा, पूरे गाजा पर इजराइल का नियंत्रण
इजराइल का दावा, पूरे गाजा पर इजराइल का नियंत्रण [News VMH] गाजा में जारी लड़ाई में इजरायली सेना ने दो अहम दावे किए हैं। इजरायल का कहना है कि उसने दक्षिणी गाजा से मिस्र तक फैले हमास के सुरंगों के नेटवर्क को खोज लिया है, जो हमास के लिए जीवन रेखा बना हुआ था। इसके अलावा इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर भी कब्जा कर लिया है। फिलाडेल्फी गाजा और मिस्र की सीमा से लगने वाला गलियारा है, इस पर कब्जे का मतलब है कि पूरे तकरीबन पूरे गाजा पर अब इजरायल का नियंत्रण हो गया है। फिलाडेल्फी बफर जोन राफा के पूरे दक्षिणी किनारे पर लगभग नौ मील तक फैला है, जो मिस्र बॉर्डर पर स्थित है।
इस्तेमाल की जा रही 20 सुरंगों को पकड़ा
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आईडीएफ के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि उन्होंने गलियारे के साथ घिरी पट्टी में हथियारों की तस्करी के लिए हमास द्वारा इस्तेमाल की जा रही 20 सुरंगों को पकड़ा है। साथ ही आईडीएफ सैनिकों ने मिस्र और राफा के बीच सीमा पर फिलाडेल्फी कॉरिडोर का परिचालन नियंत्रण स्थापित किया है।’ उन्होंने दावा किया कि 100 मीटर चौड़ा यह इलाका हमास के लिए जीवन रेखा के रूप में काम करता है, जिसका इस्तेमाल वे गाजा पट्टी में नियमित रूप से हथियारों की तस्करी के लिए करते थे।
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आईडीएफ ने हमास के हथियार नष्ट करने का किया दावा
आईडीएफ ने अपने एक्स हैंडल पर गाजा की सैटेलाइट तस्वीरें शेयर करते हुए बताया कि उसके सैनिकों ने जिस 1.5 किमी लंबे सुरंग मार्ग का पर्दाफाश किया, उसमें दर्जनों एंटी टैंक मिसाइलें और हथियार थे। इन सभी को उनके सैनिकों ने नष्ट कर दिया है।
इजरायल के दावे को मिस्र ने गलत बताया
इजरायल के दावे को मिस्र ने गलत बताया है। मिस्र के मीडिया ने इजरायली दावों का खंडन करते हुए कहा कि नेतन्याहू की सेना राफा में अपने हमले को उचित ठहराने की कोशिश कर रही है। अल काहेरा न्यूज ने कहा कि इजरायल राजनीतिक उद्देश्य के लिए राफा में युद्ध को लंबा खींच रहा है। मिस्र बॉर्डर पर सात महीने से अधिक समय से चल रहे युद्ध के बाद फिलहाल सबसे ज्यादा तनाव है।
राफा सीमा पर नियंत्रण
इजराइल ने राफा सीमा पर नियंत्रण कर लिया है। इसके बाद युद्धग्रस्त इलाके में ले जाई जा रही सहायता रोक रुक गई है। मिस्र ने युद्धविराम समझौते के प्रयासों में हमास और इजरायल के बीच वार्ता में मध्यस्थ के रूप में काम किया है। मिस्र लंबे समय से फिलिस्तीन की वकालत करता रहा है और हजारों निर्दोष फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या की निंदा की है।