आगरा की तितलियों में बहुत बड़ी धांधली घोटाले की होगी जाँच 1

आगरा की तितलियों में बहुत बड़ी धांधली: घोटाले की होगी जाँच

आगरा की तितलियों में बहुत बड़ी धांधली: घोटाले की होगी जाँच
आगरा की तितलियों में बहुत बड़ी धांधली: घोटाले की होगी जाँच

आगरा की तितलियों में बहुत बड़ी धांधली: घोटाले की होगी जाँच

आगरा की तितलियों में बहुत बड़ी धांधली: घोटाले की होगी जाँच [News VMH-Agra] सरकारी विभाग में कब कौन मलाई चट कर जाए पता नहीं, मौका लगा नहीं कि माल साफ़। आप कितने भी जातन करें, लेकिन जो भ्र्ष्टाचारी हैं वो नहीं मानते। पुरानी कहावत भी है कि ‘चोर चोरी से जा सकता है हेरा फेरी से नहीं’। आगरा में भी एक नया घोटाला सामने आ रहा है।

यहाँ की सड़कों को सुंदर बनाने का कार्य चल रहा था, जिसके तहत लाइटिंग वाली तितली हर खम्भे पर लगाई गई। आगरा की तितलियों में बहुत बड़ी धांधली हुई, इन तितलियों को पांच गुना कीमत में खरीदे जाने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। जिसके चलते नगर निगम सदन में पार्षदों ने हंगामा किया। मेयर ने भ्रष्टाचार की जांच करने का आश्वान दिया है।

Astrologer Sanjeev Chaturvedi

नगर निगम सदन में जोरदार हंगामा

ताजनगरी आगरा की सड़कों पर पांच गुना कीमत में लगाई गईं नियॉन तितलियों को खरीदने और लगाने का मामला नगर निगम के सदन में गूंजा। बुधवार को नगर निगम के पार्षदों ने सदन में भ्रष्टाचार की तितली उड़ाई। पार्षद अपने साथ बेलनगंज से खरीदी गई नियॉन तितली लेकर पहुंचे और मेयर को दिखाकर तितलियों की खरीद में भ्रष्टाचार होने के आरोप लगाए। इस मामले में पार्षदों के रुख को देखते हुए मेयर हेमलता दिवाकर ने जांच के आदेश दिए हैं।

650 रुपये की तितली 14 हजार में क्यों खरीदीं

नगर निगम सदन के अधिवेशन में राजनगर के पार्षद बंटी माहौर ने यमुना किनारा और बोदला रोड पर लगाई गई नियॉन लाइटों में जमकर भ्रष्टाचार होने का मामला उठाया। उन्होंने सदन को बताया कि वह इस तितली को बेलनगंज बाजार से खरीदकर लाए हैं। इसकी वास्तविक कीमा 650 रुपये है, 650 रुपये में खरीदी गई तितली निगम ने 14 हजा रुपये में कैसे लगाई। उनके क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। उनके लिए पैसे नहीं है, पर ऐसी सजावटी लाइटें खरीदने पर निगम का पैसा बर्बाद किया जा रहा है।

क्यों खरीदी गईं ये लाइट

सत्ताधारी भाजपा के पार्षदों ने भी नियॉन लाइट वाली तितलियों पर सवाल उठाए और पूछा कि इनका औचित्य क्या है। पार्षद प्रदीप अग्रवाल ने पूछा कि जब शहर में स्ट्रीट लाइटें बंद हैं तो यह लाइटें क्यों खरीदी गईं। पार्षद रेखा भास्कर ने कहा कि 14 हजार रुपये में तितली क्यों खरीदी गई, जबकि बाजार में 650 रुपये में उपलब्ध है।

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स्ट्रीट लाइट पड़ी हैं बंद

पार्षद शरद चौहान ने भी स्ट्रीट लाइटों को प्राथमिकता देने और तितलियों की पांच गुना कीमत पर खरीद पर सवाल खड़ा किया। इस मामले में मेयर हेमलता दिवाकर ने कहा कि इतनी महंगी लाइटें क्यों खरीदी गई हैं, पार्षदों के इस सवाल की गंभीरता देखते हुए वह जांच कराएंगी।

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