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अमेरिका तुर्की को बेचेगा F-16 लड़ाकू विमान

अमेरिका तुर्की को बेचेगा F-16 लड़ाकू विमान

अमेरिका तुर्की को बेचेगा F-16 लड़ाकू विमान

अमेरिका तुर्की को बेचेगा F-16 लड़ाकू विमान [News VMH-News Delhi] अमेरिका ने तुर्की को 40 नए F-16 लड़ाकू विमान और 79 मौजूदा F-16 विमानों के आधुनिकीकरण के लिए 20 अरब डॉलर का सौदा मंजूर किया है। यह सौदा तुर्की और अमेरिका के बीच रिश्तों में तनाव के बीच आया है।

तुर्की लंबे समय से F-16 विमान खरीदने की इच्छा जता रहा था, लेकिन अमेरिका ने रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के तुर्की के फैसले पर आपत्ति जताते हुए सौदे को रोक दिया था। अमेरिका का कहना है कि S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली F-35 लड़ाकू विमान के साथ काम नहीं करती है, जिसे तुर्की भी खरीदने की योजना बना रहा था।

Astrologer Sanjeev Chaturvedi

तुर्की ने स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल होने की अनुमति देने पर सहमति जताने के बाद अमेरिका ने F-16 सौदे को मंजूरी दी। तुर्की नाटो का सदस्य है और उसके पास नाटो में किसी भी नए सदस्य को वीटो करने का अधिकार है। अमेरिका तुर्की को बेचेगा F-16 लड़ाकू विमान.

F-16 सौदे को लेकर अमेरिकी कांग्रेस में कुछ आलोचना हुई है। कुछ सांसदों का कहना है कि तुर्की को F-16 विमान नहीं बेचे जाने चाहिए क्योंकि वह मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है और अमेरिका के हितों के खिलाफ काम करता है।

अमेरिका तुर्की को बेचेगा F-16 लड़ाकू विमान
अमेरिका तुर्की को बेचेगा F-16 लड़ाकू विमान

हालांकि, अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि F-16 सौदा अमेरिका के राष्ट्रीय हित में है। प्रशासन का कहना है कि यह सौदा तुर्की को नाटो में एक मजबूत सहयोगी बनाए रखने में मदद करेगा और रूस के प्रभाव का मुकाबला करने में मदद करेगा।

F-16 सौदे का तुर्की और अमेरिका के बीच रिश्तों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। यह सौदा दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने में मदद करेगा।

F-16 विमान:

  • F-16 विमान एक लड़ाकू विमान है जिसे जनरल डायनेमिक्स (अब लॉकहीड मार्टिन) द्वारा बनाया गया है।
  • यह विमान 1978 से अमेरिकी वायु सेना द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • F-16 विमान 24 देशों की वायु सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
  • F-16 विमान कई तरह के मिशनों को पूरा कर सकता है, जिसमें हवाई युद्ध, जमीन पर हमला और टोही शामिल हैं।

F-16 विमान की विशेषताएं:

  • F-16 विमान एकल इंजन वाला विमान है।
  • यह विमान 2,120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है।
  • यह विमान 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है।
  • F-16 विमान विभिन्न प्रकार के हथियारों को ले जा सकता है, जिनमें मिसाइल, बम और रॉकेट शामिल हैं।
अमेरिका तुर्की को बेचेगा F-16 लड़ाकू विमान
अमेरिका तुर्की को बेचेगा F-16 लड़ाकू विमान

भारत को F-16 सौदे से कई तरह के नुकसान हो सकते हैं:

  • सुरक्षा: F-16 विमान पाकिस्तान की वायु सेना के पास पहले से ही मौजूद हैं। यदि तुर्की को F-16 विमान मिलते हैं, तो इससे भारत की सुरक्षा पर खतरा बढ़ जाएगा।
  • क्षेत्रीय संतुलन: F-16 सौदे से क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में बदलाव आ सकता है। तुर्की एक मजबूत सैन्य शक्ति बन जाएगा, जिससे भारत की क्षेत्रीय स्थिति कमजोर हो सकती है।
  • अमेरिका के साथ रिश्ते: F-16 सौदे से भारत और अमेरिका के रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। भारत अमेरिका से रक्षा उपकरणों का एक बड़ा खरीदार है। यदि अमेरिका तुर्की को F-16 विमान बेचता है, तो भारत अमेरिका से नाराज हो सकता है।

यहां कुछ विशिष्ट नुकसान दिए गए हैं जो भारत को F-16 सौदे से हो सकते हैं:

  • पाकिस्तान को हवाई युद्ध में बढ़त: F-16 विमान पाकिस्तान की वायु सेना को भारत की वायु सेना पर हवाई युद्ध में बढ़त दे सकते हैं। F-16 विमान भारत के पास मौजूद Su-30MKI लड़ाकू विमानों की तुलना में अधिक उन्नत हैं।
  • भारत की हवाई सुरक्षा में खतरा: F-16 विमान भारत की हवाई सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। तुर्की का उपयोग आतंकवादियों को समर्थन देने के लिए F-16 विमानों का उपयोग कर सकता है।
  • भारत के रक्षा बजट पर बोझ: F-16 सौदे से भारत के रक्षा बजट पर बोझ बढ़ सकता है। भारत को अपने हवाई बेड़े को आधुनिक बनाने के लिए और अधिक पैसा खर्च करना होगा ताकि वह F-16 विमानों का मुकाबला कर सके।

भारत सरकार F-16 सौदे को लेकर चिंतित है। सरकार ने अमेरिका से इस सौदे पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

अमेरिका तुर्की को बेचेगा F-16 लड़ाकू विमान
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सांसदों ने F-16 सौदे का विरोध किया

अमेरिका द्वारा तुर्की को F-16 लड़ाकू विमान बेचने के सौदे का भारत में कई सांसदों ने विरोध किया है। सांसदों का कहना है कि यह सौदा भारत के हित में नहीं है।

सांसदों ने निम्नलिखित चिंताएं जताई हैं:

  • सुरक्षा: F-16 विमान पाकिस्तान की वायु सेना के पास पहले से ही मौजूद हैं। यदि तुर्की को F-16 विमान मिलते हैं, तो इससे भारत की सुरक्षा पर खतरा बढ़ जाएगा।
  • क्षेत्रीय संतुलन: F-16 सौदे से क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में बदलाव आ सकता है। तुर्की एक मजबूत सैन्य शक्ति बन जाएगा, जिससे भारत की क्षेत्रीय स्थिति कमजोर हो सकती है।
  • मानवाधिकार: तुर्की का मानवाधिकार रिकॉर्ड खराब है। सांसदों का कहना है कि अमेरिका को एक ऐसे देश को हथियार नहीं बेचने चाहिए जो मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है।

सांसदों ने अमेरिका से इस सौदे पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि यह सौदा भारत और अमेरिका के रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकता है।

विरोध करने वाले सांसदों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • राहुल गांधी: कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि F-16 सौदा भारत के लिए “खतरनाक” है।
  • शशि थरूर: कांग्रेस पार्टी के सांसद शशि थरूर ने कहा है कि F-16 सौदा “भारत के हित में नहीं” है।
  • एस. जयशंकर: भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत F-16 सौदे को लेकर “चिंतित” है।

यह देखना बाकी है कि अमेरिका भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए क्या कदम उठाता है।

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