लाल सागर में जहाजों पर हमला, फिलिस्तीन का समर्थन
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लाल सागर में जहाजों पर हमला, फिलिस्तीन का समर्थन
लाल सागर में जहाजों पर हमला, फिलिस्तीन का समर्थन [News VMH-New Delhi] ईरान समर्थित यमन के हूती चरमपंथियों ने दावा किया कि उन्होंने हिंद महासागर और लाल सागर में तीन जहाजों और दो अमेरिकी विध्वसंक जहाजों पर हमला किया है। हूती चरमपंथियों ने जहाजों पर अपने हमलों को गाजा में इजरायली अभियान के खिलाफ फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता के रूप में बताया है। जिन तीन जहाजों को निशाना बनाकर हमला किया गया, उनमें हिंद महासागर में लारेगो डेजर्ट और एमएससी मेचेला और लाल सागर में मिनर्वा लिसा बताया गया। अमेरिकी विध्वंसक जहाजों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
मिसाइल से किया हमला
लाल सागर में हुए मिसाइल हमले में वहां से गुजर रहे एक वाणिज्यिक जहाज को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। एपी की रिपोर्ट में ब्रिटिश सेना के समुद्री व्यापार संचालन केंद्र ने बताया कि यह हमला बाब-अल-मंदाब जलडमरूमध्य के निकट दक्षिणी लाल सागर में हुआ।
ड्रोन और मिसाइल से हमले की पुष्टि
हूतियों के सैन्य प्रवक्ता याह्या सारी ने एक टेलीविजन भाषण में कहा कि चरमपंथी समूह ने जहाजों के खिलाफ हमले में मिसाइलों और अमेरिकी विध्वंसकों के खिलाफ ड्रोन का इस्तेमाल किया था। हालांकि, सारी ने यह नहीं बताया कि हमले कब हुए। हूती चरमपंथियों ने नवम्बर में गाजा में इजरायली अभियान शुरू होने के बाद से लगातार लाल सागर क्षेत्र में ड्रोन और मिसाइल से जहाजों को निशाना बनाया है। अब यह हिंद महासागर तक फैल गया है। हूतियों ने कहा है कि समूह भूमध्य सागर में भी इजरायली बंदरगाहों की ओर जाने वाले किसी भी जहाज पर हमला करेगा।
जहाजों के मार्ग बदलना पड़ा
हूती चरमपंथियों के हमले ने व्यापारिक जहाजों को दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक लाल सागर मार्ग को बदलने पर मजबूर कर दिया है। व्यापारिक जहाज इसके बजाय दक्षिण अफ्रीका के आसपास लंबी और अधिक लंबी यात्रा कर रहे हैं, जिससे माल ढुलाई का खर्च बढ़ गया है। लाल सागर में हूतियों की आक्रामक गतिविधि के जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन यमन में चरमपंथी संगठन के ठिकानों पर हमले किए हैं।